कुछ मुख मैं, कुछ लिए हाथ मैं, मुझे खिलाने आई थी। कुछ मुख मैं, कुछ लिए हाथ मैं, मुझे खिलाने आई थी।
कौशल्या अरु दशरथ नन्दन, जलज नयन छवि ललित ललाम। कौशल्या अरु दशरथ नन्दन, जलज नयन छवि ललित ललाम।
भक्ति भाव से करूँ वंदन जय जय संतन हितकारी। भक्ति भाव से करूँ वंदन जय जय संतन हितकारी।
सूर्य की किरणें ऊष्मा देकर पर्यावरण को देती बल भी। सूर्य की किरणें ऊष्मा देकर पर्यावरण को देती बल भी।
शाखों की बाहों से झांके, दुल्हन बनी बदरिया रे शाखों की बाहों से झांके, दुल्हन बनी बदरिया रे
आ जाओ मेरे गिरधारी अब तो अखियां रो-रो हारी। आ जाओ मेरे गिरधारी अब तो अखियां रो-रो हारी।